काली चौंदास और मेरी आपबीती | Horror Story | Hindi Horror Story


काली चौंदास और मेरी आपबीती |  Horror Story | Hindi Horror Story



इस साल  की  दिवाली आने वाली है। दीवालि का दूसरा दिन होता है कलिचोडास का। में मुंबई में रहता हु और मेरे साथ मेरा बेटा और उसका परिवार रेहताह है। व्यापारी होने के कारन हम गांव में कम जाते है । मेरा गांव कृष्णा नदी के पास है। इसी गांव में मेरी बलि चढ़ने वाली थी और इसी गांव में काली माँ ने मुझे बचा लिया। ये मेरी आपबीती में बताने वाला हूँ ।

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Hindi Horror Story


मेरी उम्र १० साल की रही होगी और में अपने गांव में दादाजी के साथ रहता था। दादाजी अछे व्यापारी थे और गावके एकमेव पदवीधर। शहर में जो नयी चीज आती वो मुझे ला देते। दीवाली आनेवाली थी और उन्होंने मुझे साइकल ला दी। गांव में, में अकेला था जिसके पास सिकल थी। मेरे दोस्त मेरे साथ भागते और में साइकल चलता। उसी दौरान हम सब गांव के वीरान खंडर में गए। हमें बचपन से बोला गया था की वह नहीं जाते वहपर लोग निम्बू, मिर्ची,मरी हुवी मुर्गिया डालते रहते थे। (Hindi Horror Story)




फिरभी हम नदी के रास्तेसे अंदर गए। अंदर पूरा वीरान था टूटी खिड़किया,निम्बू ,मिर्चिया,परिंदो के पंख,साप की झड़ी हुवी त्वचा थी। हम बोहोत डरे हुवे थे और संध्या भी होने वाली थी। हम वहासे निकल गए। निकलते समय मेरा पाँव एक लाल निम्बू पर पड़ा और जैसे कुछ भयंकर आवाज आयी। हम भागते हुवे घर गए और उस रात सब भूल के में सो गया। दूसरे दिन में अकेला साइकल चला रहा था और सोचा क्यों न उस भीहड़ वीरान खंडर की तरफ जाया जाय।

जैसे ही में वह पोहोचा वह औरते लाल साड़ी बैठी हुवी थी। बाल बोहोत लम्बे ,और भयानक नाख़ून वाली थी। में देख के ही डरगया। में मेरी साइकल लेके जल्दी से निकलने वाला था तभी एक औरत मेरे सामने आगयी और मेरे हाथ में निम्बू पकडादिया, कहा की तुमने वो श्राप खुद पे लिखा हे और अब जो हम हजारो सालोसे चाहतेथे वो पुराकरेंगे। आगेकी बात सुनने से पहले में बेहोश हो गया। जब में होश में आया तब में घर में था मेने दादाजी को सब बताया पर वो बोले ज्यादा साइकल चलनेसे तुम गिर गए और भूत प्रेत नहीं होते। (Hindi Horror Story)

मेने भी वो मान लिया। दीवाली को पांच दिन बचे थे और घर में सब तैयारी कर रहे थे। पर में वो हादसा भुला नहीं था। में सोचता था की कोनसा शाप ? किसको आजाद किया ? उसी रात मेरी नींद खुली और सामने वो दो शख्स कड़ी थी। मेने जोर से चिलानेका प्रयास कीया पर वो हो न सका। मनो मेरा शरीर किसीने जाखड़ रखा हो। मेने उन्हें देखा तो वो आदमी थे बोहोत भयानक उनके मुँह में खून था और वो सदी पेहेने थे, शायद शाप की वजह से वो ओरतोंके कपडे में हो।

मेरे आँख से पानी गिर रहा था। तभी एक शख्स आया और मेरा हाथ जोर से दबाया उसके नाखून मेरे हाथ में गढ़ गए और खून निकलने लगा। दूसरे ने आके हांथ में निम्बू टहरादिया और बिनाबोले गायब होगये। में डरके मारे कब सो गया पता ही नहीं चला। जब नींद खुली तब हाथ में कुछ नहीं था पर नाख़ून के निशान थे। उसी दिन हमारे घर गाव के मंदिर के पुजारी घर आए थे। उनकी नजर मेरे हाथ पर पड़ी और वो उठकर किसीसे बिना बोले चल पड़े। उसदिन में घरपर ही रुका और किसीसे कुछ न बोला। (Hindi Horror Story)

रात को घबराहट हो रही थी के वो राक्षस आत्माए फिर से न आये पर वो नहीं आये मुझे लगा की वो सच में वेहम था। दूसरे दिन में गाओ में घूमने लगा तभी गुरूजी आए और मुझे बोले, रात को वो नहीं आये ना? में हड़बडा गया और पूछा आप को कैसे पता और क्या वो सच हे ? गुरूजी मुझे मंदिर ले आए और सबकुछ पहेलेसे पूछा। मेने सब बता दिया। गुरूजी की चिंता उनके माथे पर आनेवाले पसिनेसे समज आ रही थी।

गुरूजी बोले तुम एक भयंकर चक्र का हिस्सा बन चुके हो। वो नीबू मन्त्र से बंधा हुवा था तुमने उसे अपने पाव से कुचलके वो शाप अपने ऊपर लेलिया और शापित राक्षसी आत्माओंको मुक्त कर दिया। अब वो तुम्हारा खून अथवा बलि चाहते है और राक्षस देवता को मुक्त करना चाहते है। जब माँ काली ने काली चौंदास को नरकासुर का वध किया तब उसके रक्त की बुँदे पृथ्वी पर गिरी और उस बून्दोंसे अनेक राक्षस जन्म लेना चाहते है। (Hindi Horror Story)

पर काली के कृपा से ये अनर्थ टाला और सब शाप में फस गए। एक बून्द यहाँ भी गिरी थी और वो दो आत्माए उस बून्द से और तुम्हारे बलि से राक्षस को जिन्दा करना चाहती है । वो काली चौंदास को तुम्हारा बलि चाहते है और तुम्हारे खुन से राक्षस को जिन्दा करना चाहते है। में रो रहा था पर ये जानना मेरेलिए जरुरी था। में बोला, की में दादाजी को ये सब बताता हु। तो गुरूजी बोले तुम्हारे घर वाले नास्तिक हे और वो ये नहीं समझेंगे ये बात हम दोनोमे रहीनी चाहिए। मेने हाँ कहा आप को कैसे मालूम की मेरे घर में वो आत्माए रातको नहीं आई थी ? और गुरुजी बोले मेने तुम्हारे घर के बहार मैने नमक का गोला बनाया हे जिस से वो आत्माए अंदर नहीं आ सकती। उस रात भी नींद नहीं आयी और वो आत्माये भी।

अब काली चौंदास  को २ दिन रह गए। गुरूजी ने मुझे नमक,कुमकुम, हल्दी,लहसुन ,पीला कपडा लेने  भेजा और में वो ले आया। (Hindi Horror Story)


गुरूजी बोले आज रात ठीक १२ बजे हम उस खण्डार में कलिका होम करेंगे तुम रातको मंदिर आ जाओ हम साथ जाएंगे. उस रत घरवाले सोने के बाद में पीछे की खिड़की से बहार आया और जल्दीसे से मंदिर की तरफ जाने लगा। पौर्णिमा होणे के कारण मुझे रास्ता दिख राहा था। तभी पिछेसे किसीने मुझे धक्का दे दिया और में गिर पड़ा। वो दो आत्माए थी। वो जोर से हसने लगी और केहनेलगी की तुम अब हमारे राक्षस देवताको मुक्त करोंगे , जैसे तुमने हमें मुक्त किया।

हम तुम्हारा पैर ,हाँथ , गर्दन काट डालेंगे।  मेने डरके मरे सर घुमाया और सामने गुरूजी थे। मेने उनसे कहा की वो दो मेरे पीछे है , पर गुरूजी बोले यहाँ तो सिर्फ हम दोनों है। अब हम उस बंजर खण्डर में चले गए। अजीबसी घबराहट हो रही थी। गुरूजी ने जल्दी से एक नमक का गोल किया और मुझे अंदर बिठाया, और कहा चाहे कुछ भी होजाए बहार नहीं आना। (Hindi Horror Story)

वो खुद निम्बू के गोलेमे बेठ गए। मेरे हाथ में उन्होंने निम्बू टहरा दिया और काली माँ का जाप कारने बोला। जैसे ही हवन  की ज्वाला जली साप, नाग बहार आने लगे और वो दो आत्माये बड़े से दीवार से निचे कूदने लगी और हमारे तरफ पत्थर फेकने लगी। पर हम काली के मन्त्र से बंधे हुवे थे।  हमें कुछ नहीं लगा। उनके हाथ में बकरे के सर थे। मेने माँ काली का जाप चालू रखा और गुरूजी हवन कर रहे थे।

गुरूजी ने बोला की जल्दीसे वो निम्बू अग्नि में फेक दो। जैसे ही में निम्बू अग्नि में फेकने का प्रयास किया वो दो आत्माए मेरे बोहोत समीप आगई। पर नमक के गोले  के कारन वो मुझे छू न सके। मेने निम्बू अग्नि में फेक दिया। में इस समय रो रहा था और खुद को कोस रहता की क्यों में साइकल लेके इस वीरान खण्डार में आया? अब जैसे जैसे निम्बू जल रहाथा वैसे वैसे वो दो आत्माए जल रही थी और बोल रहीथी की हम फिरसे आएंगे , हम फिर से मुक्त होंगे , हमें फिरसे कोई न कोई मुक्त करेंगे और हम उसकी बलि लेंगे। (Hindi Horror Story)

सवेरा होनेको था गुरूजी ने अपनी आखे खोल दी, और मुझे बोले की उन दो आत्माओंको मैंने  माँकाली के आशीर्वाद से इस निम्बू में कैद कर दिया है जैसे हजारो साल पहले मेरे पुर्वजोने किया था। अब ये निम्बू हम पिले कपडे में लिपटकर इस बीहड़ के मध्य चार फुट अंदर गाड़ देंगे ताकि कोई इन को मुक्त न कर सके। हमने वैसे ही किया और गांव की तरफ चले गए।

सवेरा होनेवालाथा और में पीछेकी खिड़की से अंदर मेरे कमरेमे आके सो गया। गुरूजी ने बताया था की  काली चौंदस के दिन अभ्यंग स्नान के बाद माँ काली को याद करो और नमन करो क्योंकि उसीने तुम्हे बचाया है। अब गुरुजी नही रहे और उनके घर में कोई नहीं रहता। सब शहरोमे रहते है (Hindi Horror Story)

ये मेरी  आपबीती थी। मेरी उम्र अभी ८७ साल हे और ये में इसलिए बता रहा हूँ क्योंकी ४ दिन पहले में गांव गया था और रस्ते में वो वीरान बीहड़ खोज रहा था। वो जगह नहीं दिखी। मेने गांव वालो को पूछा तो उस जगह पे अभी सरकारी अस्पताल बनचुका है। में अंदर ही अंदर सुन्न हो गया, और उस पिले कपडे में जमीन  के अंदर रखे हुवे लाल निम्बू के बारेमे सोचने लगा। (Hindi Horror Story)

ये कहानी एक मनोरंजन के लिए लिखी गई।

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