bhootwala kahani in hindi | दोस्त बना भूत।

bhoot wali darawni kahaniya दोस्तो आज हम आपको बताने वाले है एक bhootwala kahani in hindi | दोस्त बना भूत। के बारे मे जो एक दोस्त का भयानक भूत के बारे मे हमारी आपसे यही प्राथना है इस कहानी को पूरा पड़े तभी आपको इस kahani मे मजा आने वाला है तो आइये पड़ते है इस कहानी को। (bhootwala kahani)


bhootwala kahani in hindi - दोस्त बना भूत।

bhootwala kahani in hindi | दोस्त बना भूत। - एक गांव था।

वहां कूच दिनोसे साहस्यमय मोते होने लगी लोगो के आधी खाई हुई लासे गांवके बहार नदी किनारे मिलने लगी जिसे देखकर लोग काफी डरे और सहमे रहते थे। उसी गांव में रमेश नाम का आदमी अपनी पढाई ख़त्म करके कूच सालो में गांव वापस आता है। येसारी मोते उसके आने के बाद ही सुरु होती है। और अक्सर जिस दिन किसी की मोत होती थी तब वो वहा



bhootwala kahani in hindi | दोस्त बना भूत।



गांव वाले : अरे भइओ ये रमेश कभी किसीकी मौत के समय नहीं आता पता नहीं क्या कारण है। अरे हा भाई येतो है। पता नहीं क्या कारण है। कभी किसीकी मैयत में नाही आवत है। औरतो और पता नाही का काम करता है।
ऐसी बात चित होही रही होती है की तभी वह रमेश आजाता है।
रमेश : अरे भाईओ क्या बाते हो रही है।
गांव वाले : कुछ नाही रमेश भइया बस ऐसेही टाइम पास करत रहे है। अच्छा एक बात पूछे ?
रमेश : हां हां पूछो भाई।
गांव वाले : आप का काम करत हो भाई ? रातमे घूमते रहते हो।
रमेश : हा हा हा। ... मेतो एक सेल्स मेन हु भाई।
गांव वाले : चलो बढ़िया है।

bhootwala kahani in hindi - ऐसा कह कर रमेश वहासे चला जाता है। और जैसे ही रात होती है रमेश मनु के घर पहोच जाता है। उसकी आँखे लाल होती है।
मनु : अरे रमेश  भाई आओ आओ इतनी रातमे केसन आना हुआ। रात में सोतें नहिओ का ? ये तुम्हारी आँखे इतनी लाल हो रही है। भाई काम के साथ साथ थोड़ा आराम भी किया करो। 
रमेश : अरे भइया मेने बोला थाना की सेल्स मेन हु और रात में ही निकलता हु आप के लिए ये चापपू लाया हूँ।
मनु :  हां हां हां। ... अरे रमेश भाई हमें चापपू की काया जरुरत हमरे पास तो पहलेसे ही बोहते चापपू है। आप ले जाओ हमें नाही चाहिए।
रमेश : मुझे कोई मना करे तो मुजे अच्छा नहीं लगता लेलोह।
मनु : अजीब जबर जस्ती है चल भाग यहां से बोलना नहीं चाहिए।

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मनु रमेश को धकका दे देता है और उसे घर से जानेको बोलता है। तभी रमेश गिरजाता है और तभी उसे बोहत गुससा आजाता है। और उसका रूप बदलना सुरु हो जाता है। और देखते ही देखते वो बड़ा सा भूत बन जाता है।
भूत : ये मनु के बच्चे तूने मुजे धकका दिया अब देख तु नहीं बचेगा।
मनु : अरे मर गया रे का है रमेश भैया तुम्हे का होरहा है। तुम भूतवा कैसे बन गएरे।
भूत : चुप कर में रमेश नहीं नरेश हु बोला था मुजे मना नहीं करना अब तू मेरे साथ चलेगा हां हां हां। ... तुतो गया कामसे।

bhootwala kahani in hindi - ऐसा कहकर वो मनु को उठा लेता है।
मनु : अरे नाही छोड़ दो हमें अरे गांव वालो ये रमेश तो भूतवा बन गवा रे।
फिर वो मनु को नदी किनारे लेजाता है और उसे मार देता है और उसे थोडासा खाकर वही फेक देता है। अगले दिन गांव वालो को पता लगता है की नदी किनारे एक और लास मिली है तो सब गांव वाले वह पहुच ते है।
गांव वाले : अरे बापरे येतो मनु है रे इसेभी किसीने मार डाला आखिर ये सब कर कौन रहा है कुचतो करनाही होगा भाईयो।

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गांव वाले एक योजना बनाते है की आज रात को कोईभी आये घरका दरवाजा नहीं खोलना है। फिर रात होने पर रमेश घर से निकलता है। और कई लोगो के घर जाकर दरवाजा खाट खाटाता है लेकिन योजना के अनुसार कोईभी गांव बाला अपने घर का दरवाजा नहीं खोलता है। ये सील सिला कई दिनों तक चलता है। और गाँवमे कोई लासभी नहीं मिलती फिर एक दिन गांववाले इकठ्ठा होते हैं।

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गांव वाले : भइओ जबसे हम रात में दरवाजा नहीं खोलते है तबसे मौत का सील सिला रुक गया है। हो हो ये इस रमेश की वजह से गड़बड़ हो रही है। क्यू ना रातमें हम सब नज़र रखें ? और इसके घर जाकर देखें ? हां सही कहरहे हो ठीक है।

bhootwala kahani in hindi - फिर सब गांव वाले रात होने पर रमेश के घर पोहच कर खिड़की से देखते है की अंदर रमेश के आलावा एक और आदमी भी होता  है। और वो रमेश से बात कर रहा होता है।
गांव वाले : अरे येतो नरेश है। चोरी करके भागते हुए गाड़ी के निचे आगया था और मर गया थाना ये जिन्दा कैसे होगया येतो मर गया था। अरे भइया ससुरा जिंदा नाही मुर्दा है और भूत है।

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उधर रमेश नरेस से छोडनेकी भीख मगरहा होता है।
रमेश : अरे अरे नरेस मुजे छोड़दे यार मेतो तेरा दोस्त था यार तेरेलिए मेने कई बार मार भी खाई थी यार। चोरी तू करता था और मार में खता था। यार मुजे छोड़ दे।
नरेश : हां हां हां। ....  अबे तो मैंने कहा था। अबतो तेरा शरीर मिल गया है। चोरी में करूँगा, लोगों को में मरूंगा और अपनी भूख मिटाऊंगा और पिटेगा तू हां हां हां। ....  मज़ा ही आगया अबतो में तुजे कोनी छोड़ू भाया।

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ऐसा कहेके नरेश रमेश के शरीर में घुस जाता है। गांव वाले बहार से सारी घटना देख रहे होते है।
गांव वाले : अरे यार ये रमेश भैया के शरीर मेतो सैतान है। तभी हम ससुरा कहे की ये कोनो से बात कहे नाही करत है। भैया सब बात तो ठीक है लेकीन अब ये सैतान को रमेश भइया के शरीर से बहार कैसे निकला जाये और कैसे उन इस भूत के चककर से आजाद किया जाये। अरे चुड़ैल होती तो चोटी काटके जला देते इसका का करे ? सुना है हनुमाजी के मंदिर में लेजाके सिंदूर का टिका माथेपे लगानेसे भूत शरीर छोड़ देता है। अरे बाबू सुना तो हम भी है। लेकिन इसको लेकर कौन जायेगा मंदिर तक। बिच रस्ते महि हमारा राम नाम सत्य ना होजाये भाई।

तभी रमेश भूत बन चूका होता है और गांव वालो की आवाजे सुन कर बहार आजाता है
रमेश : ये मुर्ख गांव वालो क्या ताक झाक कर रहे हो। अच्छा तो सब देख लिया तुम लोगोने अब तुम सब नहीं बचों गे हां हां हां। ....

bhootwala kahani in hindi - इतना बोलकर गांव वालो की तरफ रमेश जाता है। तभी गांव वाले रमेश से डरके भाग ने लगते है। भागते भागते  बोलते है अरे भैया इस तरह से भागने से कूच नहीं होगा येतो हमें मार डालेगा इसका मुकाबला हमें मिलकर करना चाहिए वो देखो वहां कूच डंडे पड़े है।

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सरे गांव वाले रुक जाते है और उन डंडो को जल्दीसे उठा लेते है। तब तक रमेश भी आजाता है।
गांव वाले : आजा राजा आज बताते है तुजे हमारी खातिर दारी।
रमेश : हा मुझसे लड़ोगे तुम्हारी इतनी हिमंत तो जाओ तभी रमेश के शरीर से नरेश निकल जाता है। और सारा मर रमेश को खाना पड़ता है।
रमेश : अरे मत मारो भइया मत मारो।
गांव वाले उसकी एक नहीं सुनते और मार मार के बेहोश कर देते है।
गांव वाले : अरे भइया ठीक मौका है ये भूत बेहोश है तबतक इसे उठा कर ले चलते है।
तभी रमेश उठ जाता है।
रमेश : अरे मर गया रे। अरे क्या ले चलते है भूत कहा है तुम सब गधो ने मुझे पिट दिया अरे रे। वोतो शरीर छोड़के कबका चला गया।
 गांव वाले : ऐसा क्या अरे अब हमको क्या मालूम की कौन है। ससुरा कभी कोई आवत है कभी कोई चला जावत है।

"bhootwala kahani"
तभी नरेश का भूत फिर वही आजाता है। और रमेश के अंदर दोबारा घुस जाता है। और रमेश एक गांव वाले को पकड़ के पिट्ने लगता है।
एक गांव वाला : अरे मर गायरे आह आह ओह माड़ी रे। ..
तभी एक गांव वाला अपने शरीर से जनोई निकालता है और रमेश के ऊपर डाल देता है। और रमेश उस जनोई में कैद हो जाता है।
रमेश : मूर्खो एक बार में आजाद हो जाऊ तुम सब को मार डालूंगा एक एक को चुनके मरूंगा।
गांव वाला : अबे चुप एकतो मार मार के मेरी हडडीया नरम करदी चुप कर नहीं तो मुँह में छाता डालके खोल दूंगा। हु। ...

bhootwala kahani in hindi - फिर सारे गांव वाले रमेश को उठाके हनुमाजी के मंदिर में लेजाते है।
गांव वाला : अरे पुजारीजी जरा इधर भी देखो इस सैतान का ईलाज करो ये बहुत खतर नाक सैतान है। गांव में हुई सारी मौतों का जिम्मेदार भी है।
पुजारीजी : अच्छा ये क्या कहरहे हो बेटा हु ठीक है करते है इसका इलाज।
पुजारीजी अंदर से हनुमाजी की मूर्ति  सिंदूर निकालके लाते है और रमेश के माथे पर लगा देते है।
रमेश : ओय रे...  ओय रे। ... मर गायरे। ... पंडित पंडित छोड़दे मुजे। ... तू नहीं बचे गा। हटा हटा इसे ये क्या लगा दिया मेरे माथे पर। नहीं। ... नहीं मर गायरे हे भगवान मुजे माफ़ करदो मेने अपनी भूख मिटने के लिए इसके शरीर पर कब्ज़ा किया था। मुझे मुक्ति देदो भगवान। 

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फिर रमेश के अंदर का भूत बहार निकल आता है। और जलने जगता है। थोडीही देरमे पूरा भूत जल जाता है। और रमेश उस भोत से आजाद हो जाता है।

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दोस्तो आपको ये bhootwala kahani in hindi | दोस्त बना भूत। कैसी लगी हमे कमेंट मे जरूर बताए अगर आप इस तरह की कहानियाँ पड़ना चाहते है तो हमारे ब्लॉग का नाम kahani hindi को याद् रखे और इस कहानी को आप अपने दोस्तो के साथ शेयर करना न भूले आपका दिन शुभ रहे। 
ये कहानी एक मनोरंजन के लिए लिखी गई।
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