chudail ki kahani एक माहिम नाम का
लड़का रहता था।
उसने देखा की
मंदिर के पास
रखे जुटे ही
ज्यादातर चुराए जातीथी। उसने
अपने मनमे एक
योजना बनाई। उसने
एक गुलेल लिया।
और साथमे कुछ
पथ्थर फिर जबेठा
मंदिर में। जहा
लोग जुटे रखकर
अंदर जाते थे।
माहिम बोला : देखताहु कौन
यहां जूते की
चोरी करता है।
आजतो में उसे
रंगे हाथ पकड़
कुंगा।
कुछ देर बाद
रहीम ने देखा
की एक कीमती
जूतों की जोड़ी
अपने आप जमीनसे
ऊपर उठकर हवामे
उड़कर जाने लगी
थी।
bhooton ki kahaniyan माहिम बोला :
अरे ये
क्या जूते अपने
आप उड़कर जारहे
है।
उसे थोड़ी घभराहट
सी हुई फिर
उसने हिम्मत जुटाई।
जोभी हो आजतो
मेरी गुलेल से
बचके नहीं जा
सकता। माहिम ने
गुलेल में पथ्थर
लगाया और जुत्तेके
पास निशाना साधते
हुए गुलेल चलदी।
पथ्थर सीधे जाकर
उस चुड़ैल को
लगी। जो दिख
नहीं रही थी।
जूता जमीन पर
आ गिरा। और
हवामे एक चीख
गुंजी। और फिर
बून्द बून्द खून
गिरने लगे। और
धीरे धीरे खून
का गिरना तेजी
से बढ़ रहा
था।
माहिम ने उस
खून की बूंदो
का पीछा करना
सुरु किया। खून
की बुँदे तेजीसे
भगति हुई एक
चट्टान के पीछे
जा रुकी। माहिम
भी गुलेल पकड़े
चट्टान के पीछे
सावधानी से जा
पंहुचा। चट्टान के पीछे
जो उसने देखा
वो उसे वैसा
काभीतक सोचा भी
नहीं था। चट्टान
के पीछे एक
औरत जिसके दांत
निकले हुए थे,
माथे पर सिंघ
उभरा हुआ था,
और वो दर्द
से कहेरा रही
थी। और उसके
हाथो से बून्द
बून्द खून टपक
रहा था।
bhooton ki kahaniyan माहिम बोला :
हां तो
तुम्ही हो जूता
चोर। लगाउ क्या
एक और पथ्थर
गुलेल में भरके
सारी हेकड़ी निकल
जाएगी। बताओ कैसे
तुम हवामे गायब
होकर जूतों की
चोरी करती हो।
चुड़ैल ने बोला
: अरे मुझे मत
मारो गुलेल की
चोट से जो
खून निकली है
उसी कारन तो
तुम मुझे देखपा
रहे हो। वार्ना
मेतो किसीको दिखती
भी नहीं। खून
निकल ने के
कारन मेरी सक्तिया
चली गई है।
और में एक
चुड़ैल हु।
माहिम बोला :हा तो
तुम चुड़ैल हो।
अभी बुलाता हु
गांव वालोको और
जब सबसे मर
पड़ेगी तो सारी
चुड़ैल वाली हरकते
बहार आजायेगी। देख
रही होना मेरे
हाथो में गुलेल
है। गुलेल की
एक पथ्थर से
जब तुम्हारी ये
हालत हो सकती
है। तो अगर
दूसरी पथ्थर मरू
? तो सोचो तुम्हारा
क्या होगा। बताओ
क्यों करती हो
जूतों जी चोरी?
chudail ki kahani चुड़ैल ने बोला
:
मेरी चोरी की
लत की कारण
चुडलो की मुखिया
ने मुझे जुडलो
के गांव से
बहार निकल दिया
है। और दंड
स्वरूप मेरी सक्तिया
भी बहोत हद
तक छीन गई
है। अब में
क्या करू में
भेड़ बकरिया भी
तो नहीं उठा
सकती हु। इसलिए
जूता चुराना सुरु
कर दिया। इने
चुराकर दूसरे गांव की
चुड़ैलों को बेचती
हु। चुड़ैलों को
तुम्हारे ये खूबसूरत
जूते बहुत पसंद
है। फिर उसके
बदले मुझे खनेके
लिए मुझे मास
मछली मिल जाती
है।
bhooton ki kahaniyan माहिम बोला :
देखो चुड़ैल
तुम्हारी कहानी सुनकर मुझे
भी दया आरही
है। लेकिन चोरी
करना बुरी बात
है। अबसे जूतों
की चोरी मत
करना। और जाकर
अपने गांव की
मुखिया और दूसरे
चुड़ैलों की दिलसे
माफ़ी मगलो। सच्चे
दिलसे माफ़ी मांगोगी
तो वोभी तुजे
माफ़ करदेंगे।
चुड़ैल ने माहिम
का शुक्रियादा किया
ओर फिर वहासे
चली गई। और
फिर कभीभी माहिम
के गांव से
जूतों की चोरिया
नहीं हुई।
chudail ki kahani दोस्तों ये कहानी आपको किसी लागी कॉमेंट में जरूर बताना। "आभार"
ये कहानी एक मनोरंजन के लिए लिखी गई।
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